आंगनवाड़ी गई 4 साल की मासूम बच्ची की मौत
Cg: आंगनवाड़ी गई 4 साल की बच्ची की मौत गांव में पसरा मातम ग्रामीणों ने की उचित कार्यवाही की मांग
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के डीपाडीह खुर्द गांव से एक बेहद दुखद घटना सामने आया है जहां आंगनवाड़ी गई 4 वर्षीय मासूम की तालाब में डूबने की वजह से मौत हो गई है । घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है।
ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल इतनी बड़ी लापरवाही के लिए की उचित कार्यवाही करने की मांग :–
मिली जानकारी के अनुसार मृत बच्ची का नाम रुकमनी पिता अरुण उम्र तकरीबन 04 वर्ष बताया जा रहा है जो रोज की तरह आंगनवाड़ी जाती थी वो मंगलवार को भी आंगनवाड़ी गई थी जहां बच्ची आंगनवाड़ी केंद्र से पढ़ाई के दौरान खेलते खेलते पास के ही एक तालाब के पास आ गई सबसे हैरानी की बात यह है की उस दिन तालाब के पास कोई नहीं था जिससे बच्ची की अचानक पैर फिसलने के कारण तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह घटना लापरवाही पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र के संचालन को दर्शाता है ? घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है।
परिजनों का रो रो कर बुरा हाल गांव में सन्नाटा :–
मिली जानकारी के अनुसार जब बच्ची को तालाब में देखा गया तब उसे तुरंत बाहर निकाला गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बहुत बुरा हाल है बच्ची के अचानक मौत से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है ।
ग्रामीणों ने की कार्यवाही की मांग ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न हो :–
मिली जानकारी के अनुसार घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है ग्रामीणों ने आंगनवाड़ी केंद्र संचालकों के लापरवाही के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो सके।
इस घटना ने खड़े किए कई बड़े सवाल :–
मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकार की घटना ने एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है की आखिर आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा के लिए कितने सतर्कता रखी जाती है ? की क्या आंगनवाड़ी केंद्रों में कोई बच्चों की सुरक्षा की देखरेख के लिए उपस्थित है ? इस तरह की घटनाएं सरकारी तंत्र के निगरानी तथा देखरेख को सोच में डाल रही है ?
प्रशासन इस लापरवाही को देखकर क्या कदम उठाती है ?
एक चार साल की मासूम सी बच्ची की इस तरह हुए मौत ने पूरे गांव तथा बच्ची के परिजनों को झकझोर कर रख दिया है , यह घटना नहीं लेकिन सीधे सीधे लापरवाही का नतीजा लगता है ? अब देखना यह है कि प्रशाशन इस तरीके के लापरवाही को देखकर क्या ठोस कदम उठाती है ।
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