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श्री राम जन्मभूमि के लिए प्राण देने वाले प्रथम व्यक्ति
 कौन थे जानिए


आज हम उन गुमनाम नायकों के सम्मान के बारे में
 जानेंगे 

जिन्हे इस देश में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से भुला दिया गया है।


क्या आप जानते है किसने दिया था गोली चलाने का आदेश :  
20 अक्टूबर 1990 को कारसेवा के

 दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम

 सिंह यादव ने पुलिस को कारसेवा करने

 वालो के उपर गोली चलाने का आदेश

 दिया तब उस दिन पहली गोली किस

 कारसेवक को लगी क्या आप जानते

 है।

 नही जानते है इस सवाल का जवाब

 आपके पास होगा नही क्युकी शायद

 आपको पहले ये कभी बताया ही नहीं

गया की श्री राम मंदिर के लिए अपने

 प्राणों की आहुति देने वाले वो लोग

 कौन थे?

हमारे देश में 3 दशकों तक ऐसे लोगो

 को कट्टर हिंदू बताकर सांप्रदायिक

 बताकर 

हमेशा मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति

 चपकाई गई थी।

इस दौरान यह समझा गया था की अगर

 किसी नेता ने श्री राम मंदिर के लिए

 अपने जान देने वाले कारसेवकों की बात

 की तो उनसे विशेष धर्म के वोटर्स

नाराज हो जायेंगे । 

और इसी लिए भगवान श्री राम के इस

 देश में भगवान श्री राम के मंदिर में

 अपनी जान देने वाले लोगो को भुला

 दिया गया।

कोलकाता के कोठारी ब्रदर्स

2 अक्टूबर 1990 को  उत्तरप्रदेश की

 पुलिस ने कोठार ब्रदर्स को सिर्फ इसलिए

 गोली मारी  थी क्युकी वे कारसेवक थे । 

यह दोनो भाई भी श्रीराम और लक्ष्मण की तरह ही थे ।




राम कुमार कोठारी और शरद कुमार कोठारी :

इन कोठारी भाईयो ने अयोध्या में कारसेवा के दौरान 30

 अक्टूबर 1990 को  बाबरी मस्जिद के गुम्बद पर चढ़कर

 भगवा झंडा लहराया था ।



और इसके बाद 2 नवंबर 1990 को  अयोध्या के

 हनुमानगढ़ी मंदिर से अयोध्या श्री राम जन्मभूमि के

 लिए पैदल यात्रा निकाल रहे थे  तब मुलायम सिंह यादव

 की सरकार ने कारसेवकों पर गोली चलाने के निर्देश

 दिए और पुलिस की इस कार्यवाही में सिर्फ दो नवंबर को

 ही 15 कारसेवक मारे गए जिसमे कोलकाता के कोठारी

 ब्रदर्स भी शामिल थे इसमें शरद कोठारी सिर्फ 20

 साल में और रामकुमार कोठारी सिर्फ 23 साल में श्री

 राम मंदिर के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी ।

बाद में मुलायम सिंह ने खुद यह माना की रामभक्तो पर गोली चलवाना बहुत गलत निर्णय था और माफी मांगी ।

कोलकाता में बहन आज भी जलाती है दीप
जी हां कोलकाता में सिर्फ कोठारी ब्रदर्स  के परिवार में उनकी  बहन  पूर्णिमा कोठारी  ही 

 जीवित है जो अपने भाईयो के याद में आज भी उनके फोटो के आगे दीप जलाती है।

पूर्णिमा कोठारी जी : ने बताया की वह आज भी अपने

 भाईयो की याद में उनके फोटो के आगे दीप जलाते है

 और साथ ही उनसे सरकार ये भी अपील की श्री राम

 मंदिर के उद्घाटन के दिन किसी भी समाजवादी पार्टी

 के सदस्य को न बुलाए क्युकी जिस समय उनके

 भाईयो के उपर पुलिस द्वारा गोली चली तब

 समाजवादी पार्टी की ही सरकार उत्तरप्रदेश में थी 

जानिए किसको लगी थी पहली गोली - 

इन कोठारी भाईयो के अलावा

 वासुदेव गुप्ता जी 

भी इनमे से एक थे जिन्होंने श्री राम मंदिर के लिए

 अपने प्राण न्योछावर कर दिए :

और पुलिस की सबसे पहली गोली उन्ही को लगी थी ।

अयोध्या में थी चाय और छोटी सी मिट्टी की दुकान:

45 वर्ष के वासुदेव गुप्ता जी का अयोध्या में एक चाय और मिठाई की दुकान थी,लेकिन वर्ष 1990 में अयोध्या के लिए कारसेवा के गठन का निर्माण हुवा तब वासुदेव गुप्ता जी ने भी यह ठान लिया कि वह भी भगवान श्री राम के लिए इस  मुहिम का हिस्सा बनेंगे और जरूरत पड़ी तो वह उसके लिए जान भी दे देंगे और उन्होंने जान दिया भी

30 अक्टूबर 1990 को उन्होंने स्थानीय कारसेवकों के

 साथ 

अयोध्या में होने वाले वार्षिक परिक्रमा के कार्यक्रम में

 शामिल हुवे और कारसेवा करने के लिए वो भगवान श्री

 राम के जन्मभूमि तक पैदल निकल गए उस दिन अयोध्या

 एक छावनी में बदली हुई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री

 मुलायम सिंह यादव ने कहा था की अयोध्या में कोई परिंदा भी पर नही मार सकता ।

लेकिन जब कारसेवकों ने श्री राम जन्मभूमि की तरफ

 बढ़ना शुरू किया तो यहां की सरकार ने इन कारसेवकों के

 ऊपर गोली चलाने के आदेश दे दिए और इस कार्यवाही में

 सबसे पहली गोली अयोध्या के वासुदेव गुप्ता जी को लगी और 3 गोलियां लगने के बाद उनकी मृत्यु हो गई
श्री वासुदेव गुप्ता जी

 का फोटो 

यह तस्वीर उसी समय का है जब वासुदेव गुप्ता जी का शव पोस्टमार्डन करने के

 बाद उनके परिवार वालों को सौंपा गया था और उनके शव को आखिरी बार नमन

 करने के लिए उनके परिवार और सैकड़ों कार्यकर्ता और लोगों का भीड़ इकट्ठा हो

 गया था उनके शव को

 आखिरी बार नमन करने के लिए। और उनके शव को लोगो ने फूलों से लाद दिया था ।


लेकिन इसके बाद हमारे देश में मुस्लिम तुष्टिकरण की

 राजनीति करने वालो ने वासुदेव गुप्ता को कट्टर हिंदू बता

 कर संप्रदियक बता कर उनके बलिदान का हर रोज

 अपमान किया उनका मजाक किया और उन्हें हमेशा के

 लिए भुला दिया गया।

जानिए आज कैसा रह रहे है उनका परिवार :



वासुदेव गुप्ता जी का मकान


जानिए उनके बेटी सीमा गुप्ता जी ने क्या कहा :

वासुदेव गुप्ता जी की बेटी  का कहना है की श्री राम

 मंदिर के बनने से उनके पिता का बलिदान सार्थक हो गया

 है और इसके बाद ये गरीबी और संघर्ष  उनके लिए कोई

 मायने नहीं रखता है।

आर्थिक कमजोरी  और बीमारी ने ली उनके परिवार की जान 
सीमा ने बताया की 
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उनके पिता जी के जाने के बाद उनके घर में आर्थिक

 कमजोरी और बिमरिओ ने डेरा डाल लिया था 

वासुदेव जी की पत्नी 3 बेटियां और 2 बेटे थे 

उनके जाने के बाद बीमारी के चलते सीमा की छोटी

 बहन 1997 में 2008 में भाई और 2014 में उनकी माता

 दिवंगत हो गई उसने बताया की आर्थिक स्तिथि अच्छी

 नहीं होने के कारण अपने मां और भाई बहन का इलाज

 ठीक से नहीं करा पाई ।


सीमा गुप्ता जी अपने पिता को पहली गोली लगने का पुष्टी करते हुए




ये फोटो उस समय की है जब वासुदेव गुप्ता जी के बलिदान का खबर अखबार में आया था


कारसेवक बलिदान शहीद वासुदेव गुप्ता जी की पत्नी श्रीमती शकुंतला गुप्ता जी 


वासुदेव के बलिदान के बाद उनकी पत्नी ने उठाया जिम्मा 

सीमा गुप्ता जी ने बताया की उनके पिता जी के बलिदान देने के बाद कारसेवा का जिम्मा उनकी माता जी ने उठाया था और जब करीब सन 1992 में जब विवादित ढांचा ध्वस्त हुवा तब उनकी मां और अन्य कई महिलाएं उसी घटना स्थल पर मौजूद खड़ी थी ।
इसके अतिरिक्त उनकी मां ने कई कारसेवकों की अपने हिसाब से इलाज भी करवाया ।

उनकी मां ने संभाला था अपने परिवार को बहुत थी परेशानी

सीमा ने यह बात बताई 

की उनके पिता वासुदेव गुप्ता के मरने के बाद उनकी माता जी ने घर का जेम्मेदारी सम्हाली थी ।लेकिन दिक्कत उसमे भी थी क्युकी उनको मिठाई का काम आता नही था उनकी माता शकुंतला गुप्ता जी ने कड़ी मेहनत करके कुछ पैसे जमा करके भगवान श्री राम के नाम से संबंधित एक कपड़े और सामान का दुकान डाली जिससे उनके घर का गुजारा चलना शुरू हुआ इसी दुकान से बचत करके उन्होंने अपने एक बेटी का भी शादी की ।

माता जी के जाने के बाद सीमा के उपर आ गया था घर का जिम्मेदारी 

सीमा ने बताया की : उनके माता जी के जाने के बाद उनके घर की जिम्मेदारी खुद के उपर आ गई थी फिर उसने बताया की इस दुकान से कुछ पैसे बचत करके 2019 में अपने भाई की शादी की और फिर 2020 में उसने भी घर बसा लिया ।

वासुदेव गुप्ता जी का परिवार



सड़क चौड़ीकरण में गई दुकान  सीमा ने यह बात बताया

 कि सड़क चौड़ीकरण में उनकी दुकान का आधा हिस्सा

 चला गया और बचा बाकी का हिस्सा पड़ोसियों ने मुकदमे

 डाल दिए जिसके बाद हमारे पास बची हुई दुकान भी टूट

 गई और अब हम खाली हाथ है।

वासुदेव गुप्ता के परिवार की मदद करने के लिए पहुंचा अयोध्या प्रशासन
दोबारा खड़ा होगा नया दुकान 


कारसेवा के दौरान पहली गोली लगने वाले वासुदेव गुप्ता जी के चाय और मिठाई के छोटे से दुकान की खबर प्रशासन को लगी इसके बाद SDM सर ने उनके परिवार से मुलाकात करके नई दूकान वापस खड़ा करने की बात की।

कई दशकों का परिणाम श्री रामलला का भव्य मंदिर 

सीमा को जब पूछा गया की आपको श्री राम मंदिर का

 निर्माण हो रहा है तब कैसा लग रहा है तो सीमा ने बताए

 की ये हमारे लिए बेहद प्रसन्नता की बात है आज हमारे

 पिताजी का बलिदान सार्थक हो गया और हमारी माता जी

 का सपना पूरा हो गया 22 जनवरी को श्री राम जी का

 प्राण प्रतिष्ठा होना है जिसने सभी बलिदान हुवे भक्तो को

 शांति मिलेगी।

इतिहास में याद रहेंगे वे सभी बलिदानी

बलिदान वासुदेव गुप्ता जी की पुत्री ने यह भी कहा की इतिहास में बलिदान हुवे उन सभी रामभक्तो को याद किया जाएगा जिन्होंने श्री राम के हित में अपना प्राण न्योछावर कर दिए ।
आपको भी अगर ये अच्छा लगे आप भी अगर  चाहते है की ये खबर आपके घर दोस्त या परिवारवालों तक पहुंचे तो आप इसे share कर सकते है जय श्री राम 🚩

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