सौरभ हत्याकांड : हैवान के साथ साथ अंधविश्वासी भी था प्रेमी मृत मां से करता था बात ड्रम में सीमेंट के घोल में छुपाई थी लाश
सौरभ मर्डर केस : हैवान के साथ साथ अंधविश्वासी भी था प्रेमी अपनी मृत मां से करता था बात ?
हाल ही में यूपी के मेरठ में एक खौफनाक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें एक पति ,पत्नी और पत्नी के प्रेमी द्वारा पति को मारकर ड्रम में सीमेंट के घोल में जमा दिया जाता है । हैरान करने वाली बाते तो ये भी है जिसमें हैवान प्रेमी अपनी मृत मां से बाते भी करता था।
क्या है सौरभ मर्डर स्टोरी ? :–
यूपी के मेरठ में एक ऐसा मर्डर स्टोरी का मामला सामने आया है जिसमे तीन किरदार है पति ,पत्नी और प्रेमी ।
पति पत्नी की शौख पूरी करने के बाहर विदेश में काम करता था जिस दिन उसकी बेटी का बर्थडे था तब वह उत्तर प्रदेश मेरठ आया तब उसको पता चला की पत्नी का अफेयर चल रहा है ,जिसके बाद पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने पति सौरभ को मारकर एक बड़े से ड्रम में भर दिया लाश में बदबू न आए इसलिए पत्नी ने ड्रम को पूरी तरह से सीमेंट से भरकर अपने प्रेमी के साथ हनीमून मनाने शिमला चल दिए ।
मृत मां से बाते करता था प्रेमी साहिल :–
इस स्टोरी में प्रेमी साहिल की एक मृत मां भी है जिससे वह बाते भी करता था ,अब इसे अन्धविश्वास कहे या पागलपन यह खौफनाक कहानी बेहद हैरान करने वाली है ।
ड्रम को गाड़ी में डालकर ले जाया जाता है जहां उसे काटकर शव बाहर निकाला जाता है :–
पूरी कहानी का सिलसिला तब पता चलता है जब पत्नी मुस्कान और प्रेमी साहिल शिमला से 14 दिन बाद आते है जिसके बाद उसके घर के चारों ओर मोहल्लेवासियों का भीड़ जमा होता है ,जिसमें सभी की निगाहे उस घर पर थी थोड़े देर बाद वहां पुलिस की गाड़ी आती है पुलिस के बाद वहां फॉरेंसिक टीम घर के अंदर जाती है जिसके बाद वहां एक नीले कलर की प्लास्टिक की ड्रम दिखाई देती है आपमतौर पर इस प्रकार का ड्रम हर घर में पानी को जमा करके रखने के लिए होता है,इसके बाद इस भारी वजनी ड्रम को एक गाड़ी में भरकर मुर्दाघर के जाया जाता है।
मशीन से काटा गया ड्रम :–
कुछ समय बाद उस भारी भरकम ड्रम को गाड़ी में डालकर मेरठ के मुर्दाघर लाया जाता है जहां ड्रम भारी होने के कारण न खुल पाता है न उसे तोड़ा जाता है तब पुलिस के द्वारा तय किया जाता है कि ड्रम को काटने के मशीन का इस्तेमाल किया जाए ,थोड़ी देर बाद मुर्दाघर में मेकैनिक और मशीन लाया जाता है जिसके 1 घंटे के कड़े मशक्कत के बाद ड्रम को पूरी तरह से काट लिया जाता है जिसमें सौरभ की लाश होती है , दर्शल उस ड्रम को पूरी तरीके से सीमेंट के घोल से भर दिया जाता है जिससे लाश पूरी तरीके से सीमेंट में जम जाता है जिससे वह पत्थर की तरह मजबूत हो जाया रहता है।
Post a Comment