महासमुंद 9 लाख के मनरेगा के कार्य को किया गया निरस्त
Mahasamund Manrega : मजदूरों को मिलना था मनरेगा का काम। पर काम मिला JCB और ट्रैक्टर वाले को । 09 लाख का कार्य हुवा निरस्त..
महासमुंद सरायपाली /सिंघोड़ा/ में मनरेगा का काम हुवा बंद शासन के पैसों को गमन करने की चल रही थी ।तैयारी जनपद सीईओ ने तत्काल 09 लाख के कार्यों को किया निरस्त
छत्तीसगढ़ महासमुंद : महासमुंद जिले के सरायपाली क्षेत्र के सिंघोड़ा गांव में मनरेगा का कार्य होना था जिसमे शासन के द्वारा 09 लाख रूपये मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत भी हुवा था ।
क्या था कार्य जिसे JCB से पूरा कर रहे थे :–
छत्तीसगढ़ महासमुंद जिले के सरायपाली गांव में मनरेगा के तहत तालाब के गहरीकरण का कार्य मनरेगा के तहत मजदूरों के द्वारा पूरा किया जाना चाहिए था मगर इस तालाब गहरीकरण के कार्य को JCB MACHINE एवं TRECTOR की मदद से पूरा किया जा रहा था और इसके साथ ही मजदूरों को फर्जी मस्ट रोल भी बनाया जा रहा था । जिससे की शासन प्रशासन को पता न चले मगर जब इस कार्य का सूचना जनपद CEO और जनपद के सद्स्यों को पता चला तो यह 09 लाख से स्वीकृत किया गया कार्य को तुरंत निरस्त करवा दिया गया ।
फर्जी मस्ट रोल बनाकर शासन का पैसा गमन करने की पूरी थी तैयारी :–
छत्तीसगढ़ महासमुंद जिले के सरायपाली एवं बसना थाना के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों विशेष रूप से पलायन करने की मुख्य समस्या है ।
कई हजारों लोग अधिक तादाद में यहां पलायन कर लेते है मगर जो यहां बच जाते है उनकी आखिरी उम्मीद मनरेगा ही होती है जहां वो अपनी मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन व्यापन करते है । ऐसे में सोचने वाली सबसे बड़ी बात यह है की ऐसे मुद्दों में भी काम जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टरों से कराया जा रहा है जिससे इन मजदूरों का हक मारा जा रहा है ।ऐसे परिस्थिति में भी लोग शासन के पैसों को गमन करने के लिए फर्जी मस्ट रोल बनाकर शासन के पैसों को गमन करने की तैयारी कर रहे है।
सरायपाली जनपद CEO अमित हलधर ने क्या कहा :–
सरायपाली के जनपद सीईओ अमित हलधर से बात चीत के दौरान यह बताया की किसी के लौखिक शिकायत पर इस घटना की जांच शुरू की गई बताया गया की उक्त गांव के लोग अपने मंदिर के फंड्स से तालाब में और गहरीकरण का कार्य करवा रहे है इसके पश्चात यहां मनरेगा के कार्य को तुरंत निरस्त कर दिया गया जिससे इस घटना का खुलासा हुवा।
सरायपाली जनपद सीईओ अमित हलधर का कहना है की अभी इस मनरेगा की घटना का पंचनामा बनवाया जा रहा है जिसमे वे अधिकारी जो लापरवाही बरते है उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही अनिवार्य रूप से की जाएगी ।
इसके साथ यह बात है की जो काम मनरेगा के लिए 09 लाख तक होना चाहिए था जिसमे सिर्फ 15000 रुपए का लेबर काम हुवा है जिसे पूरी तरह से वसूला जाएगा ।
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